भज गोविंदं भज गोविंदं
गोविंदं भज मूढ़मते।

भज गोविंदं भज गोविंदं
गोविंदं भज मूढ़मते।

Shwet Publication

अध्यात्म से संबंधित विशेष संकलन को जन सामान्य तक पहुंचाने का यह हमारा एक विशेष प्रयास है । इस प्रकाशन के अंतर्गत विभिन्न आध्यात्मिक विचारधाराओं को सम्मिलित करते हुए अध्यात्म के मूल अर्थ को जन जन तक सुलभ किया जाए एवं अध्यात्म के नाम पर समाज में बन रही भ्रांतियों का समाधान किया जा सके यही इसका मुख्य उद्देश्य है ।

Shwet Publication

अध्यात्म से संबंधित विशेष संकलन को जन सामान्य तक पहुंचाने का यह हमारा एक विशेष प्रयास है । इस प्रकाशन के अंतर्गत विभिन्न आध्यात्मिक विचारधाराओं को सम्मिलित करते हुए अध्यात्म के मूल अर्थ को जन जन तक सुलभ किया जाए एवं अध्यात्म के नाम पर समाज में बन रही भ्रांतियों का समाधान किया जा सके यही इसका मुख्य उद्देश्य है ।

राधा तत्व

राधा तत्व पुस्तक अपने पाठकों को एक गहरे आध्यात्मिक सफर पर लेती है, जहाँ प्रेम और दिव्यता के माध्यम से मानव जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को समझाने का प्रयास किया गया है। इस किताब के माध्यम से, पाठक राधा के प्रेम के रहस्यमय जगत में डूबकर आत्मा के आध्यात्मिक आदर्शों को सीख सकते हैं।

Shwet Publication

अध्यात्म से संबंधित विशेष संकलन को जन सामान्य तक पहुंचाने का यह हमारा एक विशेष प्रयास है । इस प्रकाशन के अंतर्गत विभिन्न आध्यात्मिक विचारधाराओं को सम्मिलित करते हुए अध्यात्म के मूल अर्थ को जन जन तक सुलभ किया जाए एवं अध्यात्म के नाम पर समाज में बन रही भ्रांतियों का समाधान किया जा सके यही इसका मुख्य उद्देश्य है ।

राधा तत्व

राधा तत्व पुस्तक अपने पाठकों को एक गहरे आध्यात्मिक सफर पर लेती है, जहाँ प्रेम और दिव्यता के माध्यम से मानव जीवन के महत्वपूर्ण पहलुओं को समझाने का प्रयास किया गया है। इस किताब के माध्यम से, पाठक राधा के प्रेम के रहस्यमय जगत में डूबकर आत्मा के आध्यात्मिक आदर्शों को सीख सकते हैं।

मंजुल पद मालिका

ब्रज रस रसिक समुदाय ने जिस भक्ति रस का अवगाहन अपने भक्ति पदों के माध्यम से किया है , उसी परम्परा में श्रीमती मंजू वशिष्ठ जी की मंजुल पद्मालिका भक्ति पदों से सुसज्जित है जो भावुक भक्त रसिकों को उनकी साधना मार्ग में सहायक के रूप में भक्ति मार्ग पर प्रशस्त करेगी । इस पद मालिका में भक्ति सम्बंधित पदों के साथ लीला , धाम , रूप एवं गुण माधुरीपरक भक्तिमय पद हैं जो भक्ति मार्ग में सहायक बनेंगे ।

श्वेत तत्त्व दर्शन – भाग 1

हम सब अत्यंत सौभाग्यशाली हैं कि एक ऐसी पुस्तक हमारे सामने आ रही है जिसमें वेद शास्त्रों के समस्त सिद्धांतों का सरल विधि से निरूपण किया गया है। प्रश्नोत्तरी के माध्यम से भक्ति, ज्ञान, वैराग्य को इतनी सहज व सरल विधि से समझाया है जो जनमानस के लिए ग्राह्य है। आशा है सभी पाठकों को इसका उचित लाभ अवश्य मिलेगा क्योंकि प्रामाणिकता से किया गया भागवतिक कार्य कभी असफल नहीं हो सकता।

मंजुल पद मालिका

ब्रज रस रसिक समुदाय ने जिस भक्ति रस का अवगाहन अपने भक्ति पदों के माध्यम से किया है , उसी परम्परा में श्रीमती मंजू वशिष्ठ जी की मंजुल पद्मालिका भक्ति पदों से सुसज्जित है जो भावुक भक्त रसिकों को उनकी साधना मार्ग में सहायक के रूप में भक्ति मार्ग पर प्रशस्त करेगी ।
इस पद मालिका में भक्ति सम्बंधित पदों के साथ लीला , धाम , रूप एवं गुण माधुरीपरक भक्तिमय पद हैं जो भक्ति मार्ग में सहायक बनेंगे ।

श्वेत तत्त्व दर्शन – भाग 1

हम सब अत्यंत सौभाग्यशाली हैं कि एक ऐसी पुस्तक हमारे सामने आ रही है जिसमें वेद शास्त्रों के समस्त सिद्धांतों का सरल विधि से निरूपण किया गया है। प्रश्नोत्तरी के माध्यम से भक्ति, ज्ञान, वैराग्य को इतनी सहज व सरल विधि से समझाया है जो जनमानस के लिए ग्राह्य है। आशा है सभी पाठकों को इसका उचित लाभ अवश्य मिलेगा क्योंकि प्रामाणिकता से किया गया भागवतिक कार्य कभी असफल नहीं हो सकता।